यह ऐसा मगरमच्छ था जिसका नाम बाबिया था जो की केरल के मदिर में रहता था

यह मगरमच्छ जो की केरल में स्थित आनंदपद्मनाभ स्वामी मंदिर में रहता था

यह मगरमच्छ सिर्फ मंदिर में मिलने वाला प्रशाद खाकर ही जिन्दा रहता था और यह मगरमच्छ वही मंदिर के गुफा में रहता था और सिर्फ मदिर से दिए प्रशाद खाने बहार आता था

यह कोई नहीं जानता की यह मगरमच्छ वह कहा से आया और वह के लोगो का कहना है की यह मगरमच्छ स्वयं भगवान पद्मनाभन का दूत है।

पर दुःख की बात यह है की ये मगरमच्छ जिसकी 75 वर्ष की उम्र में है रविवार(9 अक्टूबर) को निधन हो गया